Ayurvedic NuskheGharelu UpayHealthHealth Tips

करेले से रोगों का इलाज – Bitter Melon Hindi

यह हरे रंग का लम्बा ऊपर से बहुत कड़बा तासीर में गर्म होते हुए भी मानव स्वास्थ्य के लिये अति उपयोगी है। करेले की विशेषता तो इस बात से ही जानी जा सकती है कि होम्योपैथी चिकित्सा में इसका प्रयोग वपिति मोमरडिका कैरंटिया’ के नाम से खूब होता है जो एक सफल औषधि है। करेले से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है.

इसे होम्योपैथी के डॉक्टर अनेक पेट रोगों में प्रयोग कर रहे हैं। भारत में सर्वाधिक पैदा होने वाला करेला एक अच्छी सब्जी मानी जाती है। इसके छिलके बहुत कड़वे होते हैं। तभी लोग इसके छिलको को उतारकर काम में लाते हैं। आजकल करेला हर मौसम में ही मिल जाता है। करेले दायर रोगों का उपचार हो सकता है :

करेले से रोगों का इलाज – Bitter Melon Hindi

करेले से रोगों का इलाज - Bitter Melon Hindi
करेले से रोगों का इलाज – Bitter Melon Hindi

जिगर की खराबी (Liver)

देखा जाए तो मानव के जिगर के खराब होने से अनेक रोग जमकर हैं। जिस मानव का जिगर खराब हो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता

छोटे बच्चों की जिनकी आयु 3 वर्ष से 8 वर्ष तक है उन्हें आग चम्मच करेले का रस मिश्री में घोलकर सुबह-शाम दो समय पिलाने बच्चे हर प्रकार के पेट रोग से मुक्त हो जाते हैं। बड़ों के लिये दो चम्मच की मात्रा उपयोगी है।

तिल्ली

तिल्ली रोग में करेले का रस 50 ग्राम, पानी और मिश्री में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से तिल्ली रोग से शीघ्र मुक्ति मिलती है।

शूगर

शूगर रोगियों के लिये 15 ग्राम करेले का रस, 100 ग्राम पानी में मिलाकर हर रोज दिन में तीन बार काला नमक मिलाकर सेवन करने से इस रोग से मुक्ति मिलती है।

खून साफ करने के लिये

खून में खराबी के कारण शरीर में चर्म रोग पैदा होते हैं तथा फोड़े फुसियाँ निकलने लगती हैं।

करेले का रस – 50 ग्राम
मिश्री – 10 ग्राम

इन दोनों का घोल बनाकर सुबह उठकर एक मास तक सेवन करने, से खून शुद्ध हो जाता है।

खूनी बवासीर

इस रोग में एक चम्मच करेले का रस शक्कर में घोल कर 15 दिन तक पीने से रोगी ठीक हो जाता है।

पीलिया

पीलिया रोग में एक करेला पानी में पीसकर सुबह-शाम दोनों समय रोगी को पिलाने से पीलिया ठीक हो जाता है।

गठिया

करेले का रस निकाल कर जिन जोड़ो में दर्द होता हो वहाँ पर उसकी मालिश करें। करेले के पत्तों का रस निकाल कर भी ऐसी ही मालिश कर
सकते हैं।

कब्ज़

जिन लोगों को कब्ज़ का रोग लगा हो उन्हें करेले का मूल अरिष्ट जो होम्योपैथी में ‘मोमरडिका कैरष्टिया Q’ के नाम से जाना जाता है उसकी 5 से 10 बूंदे प्रतिदिन दिन में चार बार कब्ज़ रोगी को पिलाने से यह रोग दूर हो जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close