आज इस आर्टिकल में हम आपको कैलेंडर का आविष्कार किसने किया इसके बारे में जानकारी देंगे-

हर बार नया साल आने पर बहुत सारे तैयारियों के बीच दीवार पर टंगा हुआ कैलेंडर भी बदल दिया जाता है और उसकी जगह आने वाले साल का नया कैलेंडर अपनी जगह बना लेता है. खास बात यह है कि कैलेंडर की जानकारी बहुत सटीक होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे जीवन को आसान और सरल बनाने में इस कैलेंडर का इतिहास इतनी आसान नहीं थी.
कैलेंडर का इतिहास
पहले के ज़माने में लोग 2 रात के बीच आने वाले दिन को डे (Day) की तरह और इसी तरह दो पूर्णचंद्र (Full moon) के बीच आने वाले दिनों को महीने (Month) की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया था. जिसे हम लूनर कैलेंडर (Lunar Calendar) कहते है. अब इसके बाद उन लोगों को ये पता लगाना ज़रूरी था के एक साल में कितने दिन होते है ताकि आने वाले मौसम के मुताबिक अपने फसल को उगा सके.
कैलेंडर का आविष्कार किसने किया
आज दुनिया भर में जिस कैलेंडर का उपयोग किया जा रहा है रोमन सम्राट सीजर जुलियस सीसर द्वारा ज्योतिषी सोसिजिनीस की सहायता से ईसा पूर्व के पहली शताब्दी में कैलेंडर को बनाया गया. इस कैलेंडर की शुरुआत जनवरी से मानी जाती है. कैलेंडर को अलग-अलग देशों द्वारा अपने अनुसार बनाया गया. जिसमें से सबसे पहले इजिप्ट कैलेंडर आया, फिर इस्लामिक कैलेंडर, उसके बाद रोमन कैलेंडर, जूलियन कैलेंडर और फिर ग्रेगोरियन कैलेंडर आया. उसके बाद कुछ महीने 31 दिन के ओर कुछ तीस दिन के रखकर 5 दिनों को महीनो में जोडकर खपाया गया.
इस प्रकार वर्ष 365 दिन का हो गया, परंतु फिर भी कुछ अशुद्धि रह ही गयी. बाद के परीक्षणों से पता चला कि पृथ्वी को सूर्य की पूरी परिक्रमा करने में 365 1/4 दिन लगते हैं. इस तरह 4 वर्ष मे एक दिन का अंतर आ जाता है. इस अंतर को मिटाने के लिए चौथे वर्ष में एक दिन को कम दिनों वाले महीने फरवरी में जोडकर इस कमी को भी दूर कर लिया गया. इस तरह चौथे वर्ष का फरवरी माह 28 दिन के बजाए 29 दिन का होने लगा, इसे ‘लीप वर्ष” कहा गया.
भारत में कैलेंडर का आविष्कार कब हुआ
भारत में सबसे जिस कैलेंडर को अपनाया गया था उसका नाम विक्रम सवंत कैलेंडर था. परंतु भारत में कैलेंडर का आविष्कार 22 मार्च 1957 को भारतीय सरकार द्वारा किया गया था जिसका नाम शक सवंत पंचांग था.दुन्य
कैलेंडर नाम कैसे पड़ा
कैलेंडर का इतिहास 2000 साल पुराना है चीन यूनानी सभ्यता में कैलेंड का मतलब होता था. चिल्लाना और उस समय में ढोल पीटकर एक व्यक्ति यह बताएं करता था. कि कल कौन सी तिथि व्रत या त्यौहार होगा इस आधार पर कैलेंड से कैलेंडर शब्द बना.
“दूरबीन का आविष्कार किसने किया ?”
दुनिया में किस कैलेंडर को सही माना जाता है
आज दुनिया भर में जिस कैलेंडर को मान्यता दी गई है और जीसे फॉलो किया जाता है वह ग्रेगोरियन कैलेंडर इसे पॉप ग्रीगोरी 13वा ने लागू किया था इस कैलेंडर का आधार जूलियन कैलेंडर था. जूलियन कैलेंडर में 365 दिन और 6 घंटे का एक वर्ष माना जाता था. ऐसा होने पर दिनों की गणना करने में दिक्कतें आने लगी तब रोम के पॉप गिरीगोरी 13वें ने इस कैलेंडर को सुधार करके 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत का दिन तय किया और उनके नाम पर इस कैलेंडर का नाम ग्रेगोरियन कैलेंडर रखा गया.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको कैलेंडर का आविष्कार किसने किया इसके बारे में जानकारी दी है और इसको लेकर अगर कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट करे.