आज इस आर्टिकल में हम आपको खो-खो खेल के बारे में जानकारी देंगे-

खो-खो भारत के लोकप्रिय खेलों में से एक है जो कि भारत के हर स्कूलों में खिलाया जाता है. पहले के समय में यह खेल महाराष्ट्र के रथ पर खेला जाता था. जिसके कारण इसे (रथेडा) के नाम से जाना जाता था. लेकिन आज इसे खो-खो के नाम से ही जाना जाता है 29 मीटर लंबे और 16 मीटर चोडे मैदान में खेले जाने वाला ये खेल दोड़ने और भागने वाला खेल है. खो-खो खेल के नियम बीसवीं शताब्दी के आरंभ में बनाए गए थे. भारत में खो-खो की प्रथम स्पर्धा सन 1914 में आयोजित की गई थी.
इतिहास
खो-खो खेल की शुरुआत महाराष्ट्र के (पुणे) में हुई थी इस खेल के सामान्य नियमों की स्थपना अखिल महाराष्ट्र शारीरिक शिक्षा मंडल और पुना के जिमखाना क्लब द्वारा 1914 में की गयी थी.
(1) भारत की पहली प्रतियोगिता (पुरुष) 1960 विजयवाड़ा.
(2) भारत की पहली प्रतियोगिता (महिला) 1961 कोल्हापुर.
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नियम
(1) 1 टीम में 12 खिलाड़ी होते है.
(2) जिसमे से 9 खिलाड़ी मैदान में खेलते है.
(3) टॉस के द्वारा बैठने या दोड़ने का फेसला किया जाता है.
(4) खो-खो खेल के मैदान में सभी निशान रेखाओं द्वारा साफ अंकित किया जाना चाहिए.
(5) बेठने वाली टीम के सदस्य इस तरह बैठते है कि रनरों को किसी भी तरह की रुकावट न हो.
(6) भागते हुए रनर बैठे हुए खिलाड़ी के पीछे जाकर उंची आवाज में उसे खो बोलना पड़ता है अगर कोई भी बेठा हुआ खिलाड़ी खो बोले बिना उठ नही सकता है.
(7) खो मिलने के बाद वह खिलाड़ी उठकर भागता है और उसकी जगह पर खो देने वाला खिलाड़ी बेठ जाता है.
(8) खो लेने के बाद अगर उठने पर खिलाड़ी बिच की लाईन को क्रोस करता है तो फाउल माना जाता है
(8) खो लेकर भागने वाला खिलाड़ी उठते ही अपनी दिशा का चुनाव करता है और उसी की ओर भागता है.
(9) भागने वाला खिलाड़ी केंद्र गली से दूसरी दिशा में तब तक नही जा सकता जब तक वह पोल के चारों तरफ घूम नही लेता.
(10) खेल के दोरान भागने वाला खिलाड़ी नियम के अनुसार सीमा से बहार जा सकता है.
(11) कोई भी रनर बैठे हुए खिलाड़ी को छु नही सकता है.
(12) रनर के दोनों पाव अगर सीमा से बहार चले जाये तो वह out होगा.
(13) दिशा ग्रहण करने के बाद सक्रिय खिलाड़ी दोबारा से क्रोस लाईन पर धावा बोल सकता है, और इसे फाउल भी नही मन जाता है.
(14) खिलाड़ी के जर्सी के नबंर 1 से 12 तक होते है, नबंर का आकार सामने की तरफ 10x 2cm तथा पीछे पीठ पर 20x 2cm होते है.
खो-खो खेल का मैदान
खो-खो के मैदान की लंबाई 29 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है. मैदान के अंत में 16 मीटर × 2.75 मीटर के दो आयताकार होते हैं. मैदान के बीच में 23.50 मीटर लंबी और 30 सेंटीमीटर चौड़ी पट्टी होती है पार्टी के प्रत्येक सिरे पर लकड़ी का पोल होता है इसमें 30 C.M. × 30 C.M. के 8 वर्ग होते हैं.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको खो-खो खेल के बारे में जानकारी के बरे में बताया है. और इसको लेकर अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट करें.