जब भी कोई वेबसाइट बनता है तो Programing Language के अलावा SEO का नाम भी सामने आता है. तब आप की तरह की कई लोगो के मन में सवाल उठता है की SEO kya hai? और इसको जानना इतना जरुरी क्यों है? तो अगर आपको भी इस सवाल का जवाब चाहिए तो SEO Tutorial की इस सीरीज में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकरी देंगे.
SEO क्या होता है? – What is SEO in Hindi?
SEO जिसकी Full Form Search Engine Optimization होती है. यह Process होता है जिसके अंदर हम अपने Webpage की ranking को बढ़ाने के लिए कुछ Steps को Follow करते हैं.
क्योंकि आपको तो पता है कि अगर हम कोई भी Post लिखते हैं तो हम यही चाहते हैं कि वो Post 1st Page पर Rank करे. लेकिन कई बार बहुत सारी मेहनत करने पर भी हमारी Post 1st page पर open नहीं होती है तो इसके लिए हम SEO की मदद ले सकते हैं. जिससे हम किसी भी पोस्ट को आसानी से अपने वेबसाइट को रैंक करवा सकते है.
SEO क्यों जरुरी है? – Why is SEO Important?
अगर किसी भी Website को Traffic बढ़ाना है या फिर Top Search पर आना है तो उसके लिए SEO का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है.
लगभग सभी Google Visitors जो Google.com पर Search करते हैं तो वो ज्यादातर 2nd Page पर जाते ही नहीं है. अगर हम किसी और की बात न करके खुद की बात करते हैं तो हम भी 2nd page पर बहुत ही कम Visit करते हैं क्योंकि वो सिर्फ 1st Page पर ही अपना Result देखते हैं और उन्हे 1st Page पर उनकी Search की हुई चीज़ मिल जाती है. तो सिम्पल सी बात है कि वो 2nd Page पर क्यों जाएंगे.
अगर हम बात करते हैं 1st page की तो उसमे भी ज़्यादातर Visitors सिर्फ Started 3 Post से 5 Post पर ही Visit करते हैं तो Normal सी बात है कि अगर हम बहुत सारी Post लिखते जा रहे हैं और Regular हम बहुत सारा अपना समय पोस्ट लिखने में दे रहे हैं लेकिन कोई हमारी Post पर visit ही नहीं कर रहा है तो इससे हमे कोई भी Benefit नहीं है इसलिए हमारा target तो यही है कि हमारी Post 1st Page पर ही आए.
कई बार आपने सुना होगा कि हम कहते हैं कि हम Website का SEO Set करते हैं तो हम आपको बता देते हैं कि हम Website का SEO नहीं बल्कि Webpage का SEO Set करते हैं क्योंकि बहुत सारे Pages को जोड़कर एक Website बनाई जाती है जिसमे एक-एक Individual Page को लिया जाता है और उसके Keywords को खोजा जाता है और उन पर Work किया जाता है और इसी को हम SEO का नाम देते हैं.
मतलब ( SEO is done for Web Pages it is never done for Websites ) लेकिन ऐसा जरूर हो सकता है कि आप अपने Website के पाँच pages का SEO करें और वो पांचों ही Top Page पर आए.
SEO के प्रकार – What are the Different types of SEO?
इसे कुछ category में बाँटा गया है जिसके बारे में जानना बहुत जरुरी है. तो सबसे पहले हम इसके टाइप्स के बारे में बात करते है.
Technical SEO
SEO Factor में Technical issue बहुत ज्यादा effect करता है. अगर आपको लगता है की आपके website का traffic नहीं बढ़ रहा है तो आप नीचे दी गयी checklist को ध्यान में रखे.
- Server Response Time
- Optimize Image
- Render-Blocking Javascript and CSS
- Limit HTTP Request
- Cache Level & Policy
- Secure Connection / SSL (https)
- User Friendly Design
- Breadcrumbs
- AMP Pages
- No Broken Links
- Search Console Submission (Google, yahoo, bing, yandex etc)
- HTML to text Ratio
Server Response Time
अगर आपकी वेबसाइट का Server Response Time ज्यादा है तो यह आपके वेबसाइट के SEO को काफी इफ़ेक्ट कर सकते है. इसके लिए आपको अपनी वेबसाइट के ना इस्तेमाल होने वाले plugin, CSS, JS कोड को कम करना होगा. WordPress Website का Server Response Time कम करने के लिए आपको कुछ plugin की आवश्यकता पड़ सकती है. आपके वेबसाइट का Response Time 100ms और 500ms बीच होना चाहिए.
Optimize Image
अगर आप अपनी वेबसाइट पर बड़े size की फोटो इस्तेमाल करते है तो आपको आपके वेबसाइट की loading speed बढ़ जाती है जो की आपके SEO को काफी effect कर सकते है. इसके लिए आपको अपनी Images को compress करके अपनी वेबसाइट पर डालना होगा जिससे आपके webpage का loading time कम हो जाएगा.
Render-Blocking Javascript and CSS
जब हम WordPress में Theme और Plugin का Install करते है तो उसमें इस्तेमाल होने वाले JS और CSS file को load होने में समय लगता है जो की HTML के render होने से पहले होता है. इसी को हम Render-Blocking Javascript and CSS कहते है. इस वजह से हमारे वेबसाइट की Loading Speed बढ़ जाती है.
Slow Speed Connection में जब webpage ओपन होता है तो ज्यादा loading time होने की वजह से visitor traffic कम हो जाता है. और यह हमारे SEO Rank को भी काफी effect करता है.
Limit HTTP Request
जब आपकी वेबसाइट लोड होती है तो उसके साथ कई files भी load होती है इसी को हम HTTP Request कहते है. अगर इनकी संख्या ज्यादा हो जाती है तो आपके वेबसाइट की loading speed बढ़ जाती है.
अगर आप Limited HTTP Request अपने server पर send करते है तो आपके Website की speed increase हो जाती है.
Cache Level & Policy
आपके वेबसाइट में Cache Level & Policy भी SEO पर effect करती है. अगर आप अपनी वेबसाइट में static files जैसे की CSS, JS और images को Cache करके इस्तेमाल करते है तो आपको website की loading time में काफी कमी आती है और आपके server performance बढ़ जाती है.
Secure Connection / SSL (https)
अगर आपको वेबसाइट SSL certificate के साथ activated है तो आपके website का Trust Score ज्यादा होता है इससे आपके वेबसाइट की SEO Ranking पर भी काफी effect पड़ता है.
वैसे तो SSL certificate के अलग से पैसे लगते है लेकिन basic level के Certificate को cloudflare से इस्तेमाल कर सकते है.
User Friendly Design
जब आप वेबसाइट बनाते है तो आपके वेबसाइट का डिजाईन User के लिए अच्छा होना चाहिए क्योंकि अगर यूजर को आपके वेबसाइट के navigation, text style, font size सही नहीं लगते है तो आपके वेबसाइट का Bounce rate बढ़ जाता है जिसकी वजह से आपके SEO Ranking पर असर पड़ता है.
Breadcrumbs
यह भी Navigation का एक तरीका है जिसकी मदद से user आसानी से related category से और आर्टिकल भी पढ़ सकता है. इससे आपकी वेबसाइट पर Bounce Rate कम होगा और SEO Ranking के साथ Page Ranking भी बढ़ेगी.
AMP Pages
इसका full form Accelerated Mobile Page होता है. इसका मिशन user-first format for web content है जिससे किसी भी यूजर को आसानी से और कम load time में content दिखाया जा सके.
No Broken Links
अगर आपकी वेबसाइट पर ज्यादा मात्रा में Broken Link है तो आपकी वेबसाइट पर आने वाला विजिटर आपकी वेबसाइट पर जब उस लिंक पर क्लिक करेगा तो वह लिंक एक dead link होगा जिससे user पेज से exit हो जाएगा जिससे आपके वेबसाइट का bounce rate बढ़ने के साथ साथ User Trust भी कम हो जाएगा.
अगर आप अपने WordPress वेबसाइट पर Broken Link चेक करना चाहते है तो आप Broken Link Checker WordPress plugin को अपने वेबसाइट में इनस्टॉल करके चेक कर सकते है.
Search Console Submission (Google, yahoo, bing, yandex etc)
किसी भी वेबसाइट पर Organic Traffic लाने के लिए website का Crawl और Index हों बहुत जरुरी होता है. Website Ready करने के बाद में आपका सबसे पहले यही काम होगा की आप अपने वेबसाइट को Google Search Console, Bing Webmaster और Yandex Webmaster में सबमिट करना है.
यह आपके वेबसाइट पर Organic Search लाने में काफी हेल्प करता है. जब आपकी वेबसाइट पर Heavy Traffic होगा तो आपकी website Share होने के साथ साथ आपको backlink भी मिलने शुरू हो जायेंगे.
HTML to Text Ratio
यह आपके वेबपेज पर Text to HTML Ratio को बताता है, इसका मतलब है की Text और code के बीच आपके Text का कितना प्रतिशत है. आपके webpage पर text का प्रतिशत 25 से 70 के बीच होना चाहिए.
वैसे यह आपकी ranking को directly effect नहीं करता है लेकिन यह आपकी SEO Practices में काफी हेल्प करता है.
On Page SEO
SEO में वो Changes जो हम अपने website के page पर करते हैं जैसे –
- Keyword Density
- Title
- Meta Description
- Meta Keywords
- URL
- Headline (H1 Tag)
- Content
- Images + Alt Text
- Internal + External Links
Keyword Density
जैसा की नाम से ही पता लग रहा है Keyword Density यानि Content में इस्तेमाल किये जाने वाले Keyword को आपने कितनी बार पुरे आर्टिकल में include किया है. उदहारण के तौर पर आपका एक पोस्ट 1000 word का है और आपने अपने Keyword को 100 बार include किया है तो आपके आर्टिकल में Keyword Density 10% हो गयी.
(Number of keywords/ Total number of words) * 100
Average की बात करें तो यह लगभग 1 से 3% तक आपके आर्टिकल में होना चाहिए. लेकिन साथ ही गूगल कहता है की आप हमेशा एक Natural Article लिखें ज्यादा से ज्यादा keyword डालने की कोशिश ना करें.
Title
आपको अपना आर्टिकल का title बहुत ही ध्यान से रखना है, आपके title में आपका Keyword होना चाहिए और साथ ही आपके टाइटल में 50 से 60 Charactors होने जरुरी है.
आपके आर्टिकल का टाइटल ऐसा होना चाहिए की ज्यादा से ज्यादा visitor क्लिक करके आपके उस आर्टिकल पर आयें.
Meta Description
यह 150 से 160 Charactors का pharse होता है जो search Engine में किसी user के सर्च करने पर show होता है.
Meta Tags
इसकी मदद से Search Engine को यह पता लगता है की आपका आर्टिकल किस topic से related है.
URL
इसमें भी आपका keyword होना जरुरी है जो की एक On Page SEO का भाग है.
Headline (H1 Tag)
यह आपके आर्टिकल की Headline होती है यानी यह आपके आर्टिकल में पहला H1 होता है. इसके बाद में आपको बार बार H1 का इस्तेमाल नहीं करना होता. इसमें भी आपका keyword होना चाहिए.
Content
आपके आर्टिकल में कम से कम 800 शब्द होने बहुत जरुरी है और अगर आप इससे भी ज्यादा का आर्टिकल लिखते है तो बहुत अच्छी बात है. हाल ही की research के अनुसार पता लगा है की अगर आपके आर्टिकल में 1700 से 1900 words होते है आपके आर्टिकल के पहले page पर आने के chance ज्यादा हो जाते है.
Images + Alt Text
Article या Webpage पर हम जो भी फोटो अपलोड करते है उसके साथ आपको उसमें Alt text डालना बहुत जरुरी है क्योंकि Search Console में Web Search के साथ साथ Image Search एक रिजल्ट से भी traffic आता है.
Internal + External Links
Content के अन्दर आपको अपने लिखे आर्टिकल या दुसरे वेबसाइट लिंक को डालना है इससे आपकी वेबसाइट पर Visitor ज्यादा देर तक रुकेंगे और आपके वेबसाइट का Bounce Rate कम हो जाएगा.
External Links का मतलब है की आप अपने आर्टिकल में किसी दूसरी वेबसाइट का लिंक add करते है तो user को related information मिल जाती है और यूजर का trust भी बढ़ जाता है और उसे लगता है की आप सिर्फ पैसा कमाने के लिए नहीं बल्कि सही इनफार्मेशन प्रोवाइड करवाने के लिए आर्टिकल लिख रहे है.
Off – Pages SEO
इसको हम कुछ ऐसे समझ सकते है की जो काम हम अपने वेबसाइट पर ना करके किसी दुसरे की website पर करते है जैसे-
- Link Building
- Guest Blogging
- Forum Posting
- Influencer Marketing
अभी 2020 में link buliding में काफी तरह के changes आये है जिसको आप हमारे Link Building Hindi आर्टिकल से जान सकते है क्योंकि अगर आप किसी low quality website या Relative Website पर लिंक बनाते है तो यह आपको फायदा पहुँचाने की जगह नुकसान पहुंचा सकती है.
Local SEO
कुछ Business ऐसे होते हैं जो एक Shop पर depend होते हैं जैसे अगर हमारी कोई भी Shop है जो एक Location पर Base है जिसकी Location पर हम अपनी Website को Top पर rank करवाना चाहते हैं. मतलब एक Area मे उसे कोई Search करे तो उसे हम Local SEO कहते हैं. जैसे की Best Tution Center in Hisar, Best SSC Coaching Center in Delhi etc.
इसके लिए आपको Technical SEO, On Page SEO और Off Page SEO करने के साथ साथ digital marketing का सहारा भी लेना पड़ता है.
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