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कराटे खेल का इतिहास

आज इस आर्टिकल में हम आपको कराटे खेल का इतिहास एवं नियमो के बारे में बताएगे. अगर आप ये सब जानना चाहते है तो हमारे साथ बने रहे चलो शुरु करते है –

इतिहास

आप लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि मार्शल आर्ट , कराटे के जंक एक भारतीय ही थे. मार्शल आर्ट सबसे अच्छी विद्या मानी जाती है कुंगफू कराटे सिखने का सबसे अच्छा विद्यालय चीन में स्थित शाओलिन मंदिर को माना जाता है.

आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि इस विद्यालय की आधारशिला रखने वाले कोई नहीं बल्कि एक भारतीय ही थे | उस भारतीय का नाम बोधिधर्मन था. क्योंकि वह कभी किसी हथियार का प्रयोग नही करते थे.

और समाज में अहिंषा तथा सभ्दावना का प्रचार करने के लिए बहुत दूर-दूर तक जाते थे. तब उन्हें रास्ते में जंगली जानवरों और आदिवासीयो का सामना करना पड़ता था , जिसकी वजह से इन्होनें इस कला की खोज की.

बोधिधर्मन

बोधिधर्मन आत्मरक्षा के आलावा एक महान चिकित्सक भी थे. इन्होनें अपने ग्रंथ में डीएनए के माध्यम से बिमारियों को ठीक करने की विधि के बारे में भी आज से 1600 साल पहले बता दिया था.

भारत की देन है मार्शल आर्ट कराटे

आज जिस मार्शल आर्ट , कराटे की कला को हम सिखने के लिए लालायित रहते है. उसके बारे में हम यही सोचते है कि यह चीन या जापान की देन है जबकि हकीकत इसके उल्टी है.

इस कला का ज्ञात इन दोनों देशों ने नही बल्कि इस्पुरे विश्व को बोधिधर्मन ने दिया था इसका जीता जागता सबूत है हमारे यहां धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण और महाभारत उस समय भी मार्शल आर्ट का साक्ष्य आप लोगों में देखने को मिल जाएगा जैसे कि मल युद्ध वह भी मार्शल आर्ट का एक हिस्सा था.

खेलों में कोच कैसे बनते है

विडंबना

लेकिन विडंबना यह है कि इस विद्या के जन्मदाता का नाम ही हमने आज तक नही सुना उह सब मेकाले की शिक्षा नीति का ही प्रतिफल है आज जिसे चीन पापन थाईलेंड आदि देशों में भगवान की तरह पूजा जाता है, वह हमारे देश के है. और हम उनका नाम भी नही जानते है इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है ,

आज के इस दोर में जहां हर घर में मार्शल आर्ट होना चाहिए वहां आज भी कई शहर और जिले ऐसे भी है , जहां मार्शल आर्ट का नामोनिशान नही है और आज भी कई अभिभावक ऐसे है जो अपने बच्चों का मार्शल आर्ट सिखण उचित नही समझते उनका कहना है कि मार्शल आर्ट में आकर बच्चा पढाई के प्रति गेर जिम्मेदार हो जाता है.

और उसका दिमाग पढ़ाई में नही लगता है लेकिन यह एक गलत धारणा है, मार्शल आर्ट से बच्चों का न दिमाग तेज होता है . बल्कि वह शाररिक एवं मानसिक रूप से भी सक्रिय हो जाते है.

सबक

आज जरूरत है हमें अपने गोरवमई इतिहास को जानने की जो हमारे प्राचीन ग्रंथो में है , उनका अध्ययन करने की जो भी ज्ञान हमारे ऋषि- मुनियों ने हमें प्रदान किया हुआ है.

आज इस आर्टिकल में हमने आपको कराटे के बारे में जानकारी एवं इतिहास के बारे बताया इसको लेकर अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो अप हमे कमेंट कर सकते है.

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