भारत में नवरात्रि के व्रत लाखों लोग रखते हैं लेकिन उन्हें नवरात्रि के नियम का पता नहीं होता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको नवरात्रि व्रत कैसे रखे? नवरात्री में क्या खाना चाहिए? नवरात्रि कब है और नवरात्रि के कौन से दिन क्या खाना चाहिए? इसके बारे में हम आपको बताएंगे. सबसे पहले हम बात करते हैं कि नवरात्रि के व्रत कैसे रखें? नवरात्रि के व्रत विधि, नियम और आहार

10 October- 18 October (Date may vary)
हर वर्ष 4 नवरात्रि बनाए जाते हैं जिसमें दो मुख्य है और दो गुप्त नवरात्रि हैं. जिन लोगों को शक्ति की उपासना करनी होती है उन्हें शारदीय नवरात्रों में माता की पूजा अर्चना करनी चाहिए. अगर इन दिनों कोई देवी शक्ति की उपासना करता है तो उनके देवी उनकी आराधना से प्रसन्न होकर श्रद्धालुओं को शुभ फल देती है
नवरात्रि का व्रत करने के लिए आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी होंगी जैसे
- जब भी आप सुबह उठने के बाद नहा धोकर प्रतिदिन 8:00 बजे पूजा करें.
- व्यवस्थित तरीके से व्रत करें उपवास रखें.
- उपासना के दौरान और 9 दिनों तक पवित्रता का ख्याल रखें.
- मन वचन कर्म में शुद्धता बनाए रखें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें और खान-पान में भी शुद्धता का ध्यान रखें.
इन चीजों को ध्यान में रखकर आप नवरात्रि का व्रत शुरू कर सकते हैं.
- सबसे पहले एक छोटा बर्तन ले ले जिसमें आप कलश रख सके और उसके पास थोड़ी जगह भी हो यह बर्तन मिट्टी का हो तो सबसे अच्छा होगा.
- इस बर्तन में आपको जौ उगाने के लिए थोड़ी सी मिट्टी डालनी होगी याद रहे मिट्टी शुद्ध होनी चाहिए.
- इस बर्तन में कलश रखने की जगह छोड़कर बाकी जगह पर जौ के बीज डाल दें और दोबारा से थोड़ी इस पर मिट्टी डाल दें और इसके बाद आप इस पर पानी का छिड़काव करें.
- नवरात्रि के लिए कलश तैयार करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
- आपको कलश के गले पर मौली बांधने है और इसके बाद में आप कलश में थोड़ा गंगा जल भर के थोड़ा पानी डाल दें जिससे कि पानी शुद्ध हो जाए.
- इसके बाद कलश में साबुत सुपारी और फूल डालें और ऊपर कुछ पत्ते डाल दे.
- आपको पत्ते इस प्रकार डालने की कुछ पत्ते आप के बाहर दिखाई दे और इसके बाद इस पर ढक्कन लगा दे.
- इसके बाद में आपको ढक्कन के ऊपर साबुत चावल भरने हैं.
- नवरात्रि के लिए नारियल तैयार करने के लिए सबसे पहले आप एक अच्छा नारियल ले ले.
- उसके बाद में उसके ऊपर कपड़े की मौली बांधे.
- नारियल को कलश पर रखे.
- नारियल का मुंह की आपकी तरफ होना चाहिए. यदि नारियल का मुंह ऊपर होगा तो घर में रोग बढ़ाने वाला माना जाता है इसलिए आप इसको अपनी तरफ रखना है क्योंकि दूसरी तरफ नारियल का मुंह होने से आपके घर में विकारों की समस्या बढ़ सकती है.
देवी मां की चौकी कैसे लगाएं
- लकड़ी की चौकी लेकर उसका गंगाजल से पवित्र कर ले
- उसके बादएक कपडे से साफ़ करके उस पर एक कपडा बाँध दे.
- अब दायें तरफ कलश रखें
- आपको ध्यान रखना है कि जो भी आप माता की मूरत रखेंगे वह या तो मूर्ति होनी चाहिए या कोई फ्रेम से जुड़ी फोटो होनी चाहिए
- इसके बाद में आपको माता को चुनरी उड़ानी है और उस पर फूल माला चढ़ानी है
- अब आप थोड़ी धूप और दीपक जलाए
- अगर आपकी इच्छा है तो आप माता की अखंड ज्योति जला सकते हैं अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो आप सिर्फ पूजा के समय दीपक जलाएं
- देवी माता को तिलक लगाएं
- मां दुर्गा को चंदन सुहाग के समान यानि हल्दी, कुमकुम, सिंदू,र अष्टगंध आदि अर्पित करे और काजल लगाएं
- इसके अलावा मंगलसूत्र, हरी चूड़ियां, फूल माला ,फल मिठाई आदि अर्पित जरूर करें
नवरात्रि पूजा में घट स्थापना का बहुत महत्व है. नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना से ही की जाती है. कलश को सुख समृद्धि ऐश्वर्य देने वाला और मंगलकारी माना जाता है और कलश के मुख पर भगवान विष्णु के गले का रूद्र, मूल में ब्रह्मा और मध्य में देवी शक्ति का निवास माना गया है. नवरात्रि के दौरान ब्रह्मांड में उपस्थित सभी शक्तियां सक्रिय की जाती है जिसकी वजह से घर पर आने वाली सभी बुरी तरंगे खत्म हो जाती है और घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.
नवरात्रि के व्रत के हर तीसरे दिन आपके आहार में बदलाव करना बहुत जरूरी है. नीचे हम आपको नवरात्रि के व्रत के दौरान खाए जाने वाले आहार के बारे में बताएंगे
नवरात्रि के पहले से तीसरे दिन आप फलों का सेवन करें. इसमें आप सेब, केला, चीकू, पपीता, तरबूज व मीठे अंगूर खा सकते हैं/ इसके अलावा आप आंवला का रस, लौकी का रस और नारियल पानी भी पी सकते हैं.
इन 3 दिनों में आपको फलों का रस, दूध, लस्सी इत्यादि के साथ सिर्फ एक बार भोजन करना होता है
इन अंतिम 3 दिनों के दौरान आपको पारंपरिक नवरात्रि आहार का पालन करना होता है. अपने स्वास्थ्य को देखते हुए आपको पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए उसके बाद में ही आप को व्रत की क्रिया आगे शुरू करनी चाहिए.
इसकी लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं:-
- उपवास के चावल या शामक चावल, उपवास चावल से डोसा, साबूदाना से बनाया गया व्यंजन, सिंघाड़े का आटा, अरबी, उबले हुए आलू/शकरकंद
- घी, दूध, लस्सी
- लौकी और कद्दू के साथ दही
- तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, सब्जियों का जूस इत्यादि
- पपीता, नाशपति और सेब और उन से बनाया गया सलाद
नवरात्रि के व्रत खोलने के लिए आपको शाम को या रात को अपना उपवास खोलना है और ध्यान रखें कि आप सिर्फ हल्का भोजन करें जिससे आपका शरीर भारी ना हो.
रात को भारी और तला हुआ भोजन सिर्फ पाचन क्रिया के लिए ही नहीं बल्कि सफाई प्रक्रिया और उपवास के लिए अच्छा नहीं है. सिर्फ ऐसा भोजन करें जो आपको आसानी से जल्दी पच जाए इस तरह आप नवरात्रि के व्रत खोल सकते हैं.
- आम नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए
- अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए
- तले हुए और भारी भोजन से का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- शराब का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- तंबाखू का इस्तेमाल वर्जित है.
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