प्रणाम आसन को सूर्य नमस्कार का सबसे पहला आसन है। इस आसन को उठते ही सबसे पहले करना चाहिए। प्रणाम की मुद्रा विनम्रता का सूचक होती है. प्रणाम आसन हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है। इस आसन को सूर्य को नमस्कार करने के लिए किया जाता है।
प्रणाम आसन कैसे करे? – Parnaam Asan Karne ka Tarika

- प्रणाम आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियो को आपस मे मिलाकर उगलियों के ऊपर उंगली रख के हाथो को आपस मे दबाएँ।
- अब आंखे बंद करे तथा अपने मन को स्थिर करके हाथ प्रणाम की मुद्रा मे करके हाथो को छाती से सटाएँ।
- उसके बाद दोनों हाथो की कोहनी को दाएँ तथा बाएँ ओर तान दे तथा हाथ को आराम-आराम से मस्तिष्क तक लेके जाए।
- दोनों हाथो को आपस मे जोड़कर नमस्ते करना प्रणाम कहलाता है।
प्रणाम आसन के फायदे – Paraam Asan Karne ke Fayde
- प्रणाम आसन करने से हमारा मन शांत रहता है।
- प्रणाम इस मुद्रा मे किया जाता है जिससे हमे लगता है कि हम किसी का आदरसत्कार कर रहे है।
- सुबह-सुबह प्रणाम करने से हमारा दिन अच्छा रहता है तथा इससे सहनशीलता का विकास होता है।
- प्रणाम आसन को सबसे पहले तथा सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
- इसको करने से हमारे हाथों व पैरों का योगा होता है।
- हमारे हाथ के तंतु मष्तिष्क के तंतुओं से जुड़े होते हैं। दोनों हाथों की हथेलियों को एक साथ दबाने से हृदयचक्र में सक्रियता आती है जिससे मन की एकाग्रता बढ़ती है।
- प्रणाम सीधे खड़े हो के करना चाहिए।
Final Words
आज इस आर्टिकल मे हमने आपको प्रणाम कैसे करे ओर इसके फायदे के बारे मे बताया है अगर आपको कोई सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट करके हम से पूछ सकते है।