सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे

सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे
सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे

सूर्य नमस्कार हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है. सूर्य नमस्कार से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है.
यह हमे ख़ाली पेट करना चाहिए. सूर्य नमस्कार करने की सलाह हमे वैज्ञानिक भी देते है.
सूर्य नमस्कार किसी भी समय किया जा सकता है परंतु सुबह-सुबह किया जाए तो यह सबसे अधिक फायदेमंद है.

सूर्य नमस्कार करने से बहुत सी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
ऐसा करने से अनेक पेट की बीमारियों से बचा जा सकता है.
सूर्य नमस्कार हमे हर रोज सही समय पर करना चाहिए जिससे हम इसका लाभ उठा सके.
यह हमे सूर्य की तरफ मुहँ करके करना चाहिए.
आज इस आर्टिकल में हम आपको सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे बताने जा रहे है.

सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका, शरीर के साथ दिमाग को भी रखेगा स्वस्थ

सूर्य नमस्कार क्या है?

सूर्य नमस्कार एक योग पद्दति है जिसमे कई आसन एक साथ किये जाते है
जिससे हमारा मन शांत रहता है ऐसा सुबह उठते ही करने से हम हर चिंता से मुक्ति पा सकते है.
इसको बच्चे ,बढ़े-बूढ़े सब कर सकते है. बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार बहुत ही आवश्यक है इससे बच्चों का मन शांत रहता है, उनको परीक्षा में सूर्य नमस्कार करना चाहिए, जिससे उनका मन पढाई की तरफ आकर्षित हो सकें. स्त्रियों को भी सूर्य नमस्कार करना चाहिए जिससे उनका मन शांत रहे.

सूर्य नमस्कार कैसे करें?

सूर्य नमस्कार में हर आसन क्रम अनुसार करना जरुरी है. इसके क्रम आसन हम आपको नीचे बता रहे है.

प्रणाम आसन

इस आसन के तहत सीधे खड़े हो जाए और हाथ जोड़ ले फिर गहरी सांस ले और कंधे को ढीला करके उपर हाथ करके सांस बाहर निकाले प्रणाम की मुद्रा में खड़े हो जाए. इससे एकाग्रता बढती है तथा शरीर का संतुलन बना रहता है.

हस्तउतानासन

यह आसन शरीर को ऊपर की और खींच के किया जाता है. यह आसन छाती, शरीर का ऊपरी हिस्से के लाभदायक है.

हस्तपाद आसन

इस आसन को शरीर को आगे की और झुकाते हुए किया जाता है. यह पाचन क्रिया के लिए आवश्यक है.

अश्व संचालन आसन – सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे

यह आसन गुर्दे और घुटनों को मजबूत करने के लिए किया जाता है इस आसन में शरीर को उपर की और मुहं करके शरीर को ऊपर की और खीचा जाता है.

दंडासन

इस आसन में शरीर को एक लंबी रेखा के रूप में सीधा रखा जाता है तथा बाएँ पैर को पीछे की तरफ किया जाता है यह आसन रीड की हड्डी और मांसपेशियों के लिए लाभदायक है.

अष्टांग आसन

इस आसन को रक्त चाप और दिल की बीमारियों से दूर रहने के लिए किया जाता है. इस आसन में शरीर को आराम-आराम से उपर की और उठा जाता है तथा हमे जमीन की और मुहं करके लेटना है जिसे हमारी छाती जमीन को छुए.

भुजंगासन

शरीर में लचीलापन लाने तथा कंधो को मजबूत करने के लिए भुजंगासन किया जाता है इस आसन में शरीर का उपरी हिस्सा उपर की और देखने की अवस्था में होना चाहिए. बाकी हिस्सा जमीन को छुना चाहिए.

पर्वत आसन

इसमें हमारे शरीर का पूरा वजन हाथों और पैरो पर होना चाहिए हाथ और पैर जमीन को छूने चाहिए परन्तु शरीर का और हिस्सा उपर उठा होना चाहिए यह आसन एडियों के लिए, घुटनों के लिए, रक्त चाप के लिए अच्छा है.

अश्वसंचालन आसन

यह आसन यकृत को मजबूत बनने के लिए किया जाता है इसमें पैर के घुटनों को जमीन से छुकर उपर की और उठ कर किया जाता है.

हस्तपाद आसन

शरीर में लचीलापन लाने के लिए इस आसन को किया जाता है. इस आसन को सांस को छोड़ते हुए हाथों को पैरों के पास ले जाना होता है.

हस्तउत्थान आसन – सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे

इसको कंधे, हाथों और पैरों को मजबूत करने के लिए किया जता है इसको सांस को छोड़ते हुए हाथों को उपर करके किया जाता है.

ताड़ासन

यह शरीर को आराम देने की अवस्था में खड़े हो कर किया जाता है. इसको सीधा खड़ा हो के किया जाता है यह श्वसन क्रिया, पाचन तंत्र के लाभदायक है.

सूर्य नमस्कार करने के फायदे

  1. सूर्य नमस्कार करने से शरीर शांत रहता है.
  2. इसको करने से हम कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पा सकते है.
  3. बच्चो को भी सूर्य नमस्कार करना चाहिए जिससे उनका मन शांत रहे और पढाई में उनका ध्यान लग सके.
  4. सूर्य नमस्कार करने शरीर स्वस्थ रहता है
  5. शरीर की एकाग्राता बढ़ाने के लिए सूर्य नमस्कार बहुत ही आवश्यक है.
  6. सूर्य नमस्कार करके हम सूर्य का आभार भी प्रकट करते है क्योंकि सूर्य हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है.
  7. सूर्य नमस्कार में हम अनेक प्रकार के आसन करते है जिससे शरीर के सभी हिस्सों को स्वस्थ किया जा सकता है.
  8. इससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है.
  9. उच्च रक्तचाप के लिए यह बहुत ही आवश्यक माना जाता है.
  10. मोटापे को कम करने के लिए भी इस आसन को किया जाता है.

सूर्य नमस्कार से जुडी सावधानियाँ-

  • सूर्य नमस्कार करते समय हमे शरीर को शांत जगह पर मन को शांत करके करना चाहिए,
    इसको करते समय हमे अपना मुहँ सूरज की तरफ रखना चाहिए.
  • यह हमे सूर्य की तरफ मुहं करके करना चाहिए.
  • मासिक धर्म में सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए.
  • इस समय ध्यान रहे की पेट पूरी तरह खाली होना चाहिए.
  • चोट लगे हुए इंसान को आसन नही करना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए घातक हो सकता है.
  • हमे ध्यान होना चाहिए कि किस समय सांस छोड़ना या लेना है.

Final Words – सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे

आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया की सूर्य नमस्कार क्या है सूर्य नमस्कार में कौन कौन से आसन आते है? सूर्य नमस्कार कैसे करना चाहिए? सूर्य नमस्कार करने के क्या क्या फायदे है? और सूर्य नमस्कार करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? अगर आपको सूर्य नमस्कार से जुडा को सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट करके जरुर बताये.

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