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अष्टांग आसन कैसे करे तथा इसके फायदे

अष्टांग आसन सूर्य नमस्कार का छठा आसन है। अष्टांग आसन मे केवल आठ अंगो का प्रयोग आसन करने के लिए किया जाता है- दोनों हाथ, दोनों पैर, चेस्ट, चिंग, दोनों घुटने को शामिल किया जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको अष्टांग आसन कैसे करे तथा इसके फायदे के बारे में बताने जा रहे है. अष्टांग आसन के आठ अंग है-

  1. यम
  2. नियम
  3. आसन
  4. प्राणायाम
  5. प्रत्याहार
  6. धारणा
  7. ध्यान
  8. समाधि

अष्टांग आसन कैसे करे?

अष्टांग आसन कैसे करे तथा इसके फायदे
अष्टांग आसन कैसे करे तथा इसके फायदे
  • सबसे पहले किसी हवादार जगह का च्यन करे।
  • दूसरे नंबर मे घुटनों पर शरीर को छोड़ना है और आपके हाथों को शरीर के पास तना हुआ होना चाहिए।
  • उसके बाद सांस छोड़ना है।
  • उसके बाद हाथ की कोहनी को मोड़ना है।
  • फिर सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों के बीच छाती को नीचे की तरफ झुकाना है।
  • गर्दन को आगे की ओर खींचते हुए ठोड़ी को जमीन से लगाना है।
  • हांथों को कंधे से नीचे झुकाते हुए पीछे की ओर ले जाइए।
  • पैर की उंगलियों को मोड़ने के बाद तलवे के ऊपरी भाग को जमीन से छूना चाहिए।
  • कूल्हों को ऊपर की दिशा में उठाते हुए रीढ की हड्डियों को सीधा रखिए।
  • इसके बाद इस मुद्रा में 15 से 30 सेकेंड तक बने रहिए।
  • इस को हम 5-6 बार कर सकते है।

अश्व संचालन आसन कैसे करे और उसके फायदे

अष्टांग आसन के फायदे

  • आसन करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
  • इससे हमारे हाथों व पैरों की एक्सर्साइज़ होती है।
  • आसन करने से रक्त चाप ठीक रहता है।
  • पाचन क्रिया सही रहती है।
  • हमारे फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
  • इससे हमारा मुटापा कम होता है।
  • इससे शरीर लचीला बनता है।
  • ये आसन करने से बहुत सी बीमारी होती है।
  • इससे मासिक धर्म मे होने वाला दर्द कम होता है।
  • हमारा मन शांत रहता है।
  • इससे हमारा दिमाग चिंता मुक्त हो जाता है।

हस्तपादासन कैसे करे और इसके फायदे

अष्टांग आसन करते समय सावधानियाँ

  • आसन करते समय आसन वाला स्थान हवादार होना चाहिए।
  • चोट लगे हुए इंसान को आसन नहीं करना चाहिए।
  • आसन करने के दौरान मन शांत होना चाहिए।
  • आसन के बारे मे हमे पूरा ज्ञान होना चाहिए।
  • अगर किसी को कोई बीमारी है तो ये आसन नहीं करना चाहिये।
  • हाइ तथा लो बीपी वालों को ये आसन नहीं करना चाहिए।
  • 5 साल से छोटे बच्चों को आसन नहीं करवाना चाहिए।
  • अगर कोई ब्लड प्रशेर का रोगी है तो उसे ये आसन करने से बचना चाहिये।
  • अगर कोई स्त्री गर्भवती है तो उसे ये आसन कम करना चाहिए।
  • मासिक डीएचआरएम में आसन नहीं करना चाहिए।
  • अगर किसी के कमर में दर्द रहता है तो ये आसन नहीं करना चाहिए।

हस्तउत्तानासन कैसे करे तथा इसके फायदे

Final Words

आज इस आर्टिकल मे हमने आपको अष्टांग आसन कैसे होता है, उसके फायदे के बारे मे बताया इसको लेकर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे कमेंट कर सकते है।

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