हरी सब्जियों में भिंडी काफी लोकप्रिय है। जो तासीर में शीतल तथा शक्तिवर्धक है। इसमें विटामिन बी और प्रोटीन काफी मात्रा में पाए जाते हैं। जो लोग दुर्बल हैं या पेशाब लगकर आता है उन्हें भिंडी की सब्जी खूब खानी चाहिए। तो चलिए अब बात करते है की भिंडी द्वारा कौन कौन से रोगों का इलाज किया जा सकता है.
भिंडी द्वारा रोगों का इलाज – Ladyfinger in Hindi

त्वचा विकार
त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ होता है।
दस्त
दस्त में भी भिंडी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
पेचिश
पेचिश रोग में भिंडी की सब्जी दही के साथ खानी चाहिए। शीघ्र आराम मिलता है।
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पेशाब में जलन
पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है।
मूत्र रोग
पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दिक्कत होना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी का उपयोग फायदा पहुंचा सकता है। इस रोग में भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक होता है।
ल्यूकोरिया
भिंडी का सेवन करने से ल्यूकोरिया में भी फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
कैंसर
भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है
पाचन तंत्र
भिंडी में उष्ण गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में सहयोग देता है। इसी वजह से भिंडी का सेवन से पाचन तंत्र को अपना कार्य बेहतर तरीके से करने में मदद करता है।
जलने पर
अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन कम हो जाती है।
घाव को सुखाना
भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी सुख जाता है।
Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको भिंडी द्वारा रोगों का इलाज – Ladyfinger in Hindi के बारे में बताया है, अगर आपको इससे जुडी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।