शहतूत खाने में खट्टे और मीठे होते हैं. यह ज्यादातर आपको गर्मियों में मिलते हैं. यह बहुत ही अच्छा फल है क्योंकि इसके कुछ ऐसे प्राकृतिक गुण है जिसकी वजह से कई तरह के रोगों का उपचार किया जा सकता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको शहतूत के औषधीय गुण के बारे में बताने जा रहे हैं. लीची के औषधीय गुण
शहतूत के औषधीय गुण
लू लगने पर शहतूत का इस्तेमाल
अगर किसी को लू लग गई है तो उसे शहतूत का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि शहतूत की तासीर ठंडी होती है. गर्मी के मौसम में जब भी लू लगती है तो शहतूत के रस का इस्तेमाल करने से लू का असर कम हो जाता है. लू लगने के बाद लगातार दो से तीन दिनों तक इसका रस का इस्तेमाल करना चाहिए.
जुकाम या गले की खराबी में शहतूत का इस्तेमाल
जुखाम या गले की खराबी में शहतूत का शरबत दिन में चार से पांच बार लगातार पीने से यह रोग ठीक हो जाता है.
दमा रोग में शहतूत का इस्तेमाल
अगर रोजाना शहतूत का सेवन दमा रोग में किया जाए तो यह रोग आसानी से ठीक हो जाता है.
मुंह के छाले ठीक करने के लिए शहतूत का इस्तेमाल
शहतूत की तासीर ठंडी होती है इसीलिए अगर किसी को गर्मी की वजह से मुंह में छाले हो गए हैं तो उन्हें शहतूत का रस दिन में तीन चार बार पीना चाहिए. इसके अलावा शहतूत का शरबत बनाकर छोटी इलायची और कुछ दिनों तक इस्तेमाल करने से अपने आप ठीक हो जाते हैं.
खटमल भगाने के लिए शहतूत का इस्तेमाल
खटमल को भगाने के लिए शहतूत को उन स्थान पर रख दे जहां पर ज्यादा मात्रा में खटमल आते हैं. शहतूत देखते ही खटमल छूमंतर हो जाएंगे.
Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको शहतूत के द्वारा किए जाने वाले घरेलू उपाय के बारे में बताया है. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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