मोटे अंगूर जब सूख जाते हैं तो वे मुनक्का का रूप धारण कर लेते हैं। जो रोग अंग्रेजी दवाइयों से ठीक नहीं किये जा सकते उन रोगों का इलाज आप देसी तरीके से बिना किसी झंझट के कर सकते है.
हम इनसे निम्नलिखित रोगों का उपचार कर सकते हैं :
मुनक्का से रोगों का इलाज

जुकाम, खाँसी, नज़ला
इन सब रोगों में मुनक्का बहुत लाभकारी है। इसका इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर होती मैडिकल सेवा को देखते हा आम आदमी का सबसे उपयोगी साथी है। विशेष रूप से खाँसी नज़ला जैसे रोगों में उपचार के लिये :
1. मुनक्का के 12 नग
काली मिर्च 12 नग
बादाम गिरी 6 नग
इन सब को भिगो कर छील लें। इसके पश्चात् पीसकर 30 ग्राम मक्खन में मिला लें और रात को सोते समय खाते रहें। कुछ ही दिनों में खाँसी रोग नज़ला-जुकाम से मुक्ति मिल जाएगी।
2. मुनक्का 10
काली मिर्च 10
सोंठ 1 गट्ठी
इन सबको पीसकर आधा किलो दूध में मिलाकर प्रात:काल एक मास तक सेवन करने से खाँसी नज़ला जुकाम का अंत हो जाता है।
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वीर्य को बढ़ाने के लिये
वीर्य का पतला होना मर्दाना कमज़ोरी की निशानी है। इसे गाढ़ा करने के लिये :
10 ग्राम मुनक्का लेकर एक मिट्टी के बर्तन में रात को भिगो दें। सुबह उठकर खा लें। इससे वीर्य गाढ़ा होगा तथा पेट के रोग भी दूर हो जाएँगे।
भूख न लगने पर
मुनक्का 10 नग
काली मिर्च 5 नग
इन दोनों को मिलाकर गर्म करके सुबह शाम दो समय खाने से भूख बढ़ जाती है.
चेचक
चेचक रोगियों के लिये मुनक्का सबसे गुणकारी है। इसका कारण यह भी है कि चेचक रोगी को दवाई तो नहीं दी जा सकती। एक प्राचीन कहावत चली आ रही है कि दवा देने से माता नाराज़ हो जाती है। इसीलिए मुनक्का को उबाल कर चेचक के रोगियों को दिया जाता है। इससे अंदर की चेचक बाहर निकल आती है।
तो ये कुछ रोग है जिनको आप मुनक्का की मदद से ठीक कर सकते है. अगर आप कोई अंग्रेजी दवाई का इस्तेमाल कर रहे है तो आप इन नुस्खों का इस्तेमाल ना करें.