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अनार के औषधीय गुण

अनार के बारे में कहावत है की एक अनार सौ बीमार, इसका मतलब है की सौ बीमारियों को दूर करने की ताकत एक अनार में है या फिर बीमार लोगों के लिए इतना ही लाभदायक है. आज इस आर्टिकल में हम आपको अनार के औषधीय गुण के बारे में बताने जा रहे है.

अनार के औषधीय गुण

अनार के औषधीय गुण

पेट के रोग के लिए अनार का इस्तेमाल

अनार का रस और अनार के दानें सुबह बिना मुंह धोए खाने से पेट के सभी तरह के रोग दूर हो जाते है और भूख भी अच्छी लगती है.

स्वप्नदोष रोग में अनार का इस्तेमाल

यह कोई ज्यादा बड़ा रोग नहीं है लेकिन लोगों के डराने या फिर विज्ञापन की वजह से लोग घबरा जाते है. इस समस्या का समाधान आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए आपको सुबह खाली पेट बिना मुंह धोये अनार का छिलका पीसकर उसे बारीक छलनी से छानकर 5 ग्राम, ठंडे पानी के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष रोग ठीक हो जाते है.

पेचिश या दस्त में अनार का सेवन

दस्त और पेचिश को दूर करने के लिए आप बिना छीले अनार पर मिट्टी का लेप लगा कर सुखा लें और सूखने के बाद इसे आग में भुन लें. इसके बाद इसे ठंडा करके उसे दाने शहद में मिलाकर पेचिश के रोगी को दिन में 4-5 बार देने से रोग ठीक हो जाते है.

पेट दर्द ठीक करने में अनार का इस्तेमाल

अनार के दानो में पीसी काली मिर्च, काला नमक डालकर सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाते है. इसके अलावा आप अनार के रस में नमक और काली मिर्च डाल कर भी सेवन कर सकते है.

बार बार पेशाब आने की समस्या में अनार का इस्तेमाल

अगर किसी को बार बार पेशाब आने की समस्या है तो इस दौरान अनार के छिलके का चूर्ण 5 ग्राम सुबह-शाम दोनों समय दो बार ठंडे पानी के साथ सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की समस्या दूर हो जाती है

ज्यादा रक्त स्त्राव की समस्या में अनार का इस्तेमाल

औरतों में यह रोग बहुत ही दयनीय होता है. इस दौरान उनका सारा शरीर ढीला पड़ जाता है और कमजोर हो जाते हैं. वह जवानी में ही बुढ़ापे की तरह दिखाई देने लगते हैं जिसके कारण उनको और दूसरे रोग भी घेर लेते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए अनार के छिलकों को धूप में सुखाकर उनका चूर्ण बना लें, इसके बाद में एक एक चम्मच इस चूर्ण इस्तेमाल दिन में तीन बार करने से इस रोग से मुक्ति मिल जाती है. इस रोग के दौरान रोगी को गर्म तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मीट, मछली, गरम मसाले, लहसुन, दूध, चाय, कॉफी, ठंडा इत्यादि का सेवन कम से कम करना चाहिए.

मुंह की बदबू दूर करने के लिए अनार का इस्तेमाल

यह सबसे गंदा रोग है क्योंकि इस दौरान जब भी आप किसी से बात करते हैं तो लोग अपना मुंह घुमा लेते हैं, जिससे आपको शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है. इसको दूर करने के लिए मीठे अनार के छिलकों को धूप में सुखाकर उनका चूर्ण बना लें. इसके बाद सुबह-शाम इसका सेवन करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है और दांत भी मजबूत हो जाते हैं. इसके अलावा आप इस को पानी में डालकर कुल्ला करें.

हिस्टीरिया या बेहोशी के दौरे पड़ने पर अनार का इस्तेमाल

20 ग्राम अनार के पत्ते और 20 ग्राम अनार गुलाब का ताजा फूल लेकर इन सभी को 700 ग्राम पानी में उबालें और जब पानी सिर्फ 200 ग्राम के करीब रह जाए तो उसे उतार कर छान लें. इसके बाद में इसे एक चम्मच देसी घी मिलाकर रोगी को दिन में कम से कम 3 बार पीने से यह रोग ठीक हो जाता है.

Final Word

आज इस आर्टिकल में हमने आपको अनार के औषधीय गुण और अनार से ठीक किए जाने वाले रोगों के बारे में बताया है. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी कमेंट करके पूछ सकते हैं.

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