मुली का इस्तेमाल बहुत सालों से हो रहा है, मुली का इस्तेमाल करके आप अपने खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ अपने हेल्थ को भी ठीक रख सकते है. जमीन के अंदर पैदा होने वाली लम्बाई के आकार की यह सफेद सब्जी रूपी फल फल पत्तों से लेकर जड़ तक ही रोग उपचार का काम करते है. मुली दो रंग की होती है सफेद और लाल, लेकिन पत्तों का रंग का रंग हरा ही होता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको मुली के औषधीय गुण बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप कई तरह के रोगों का उपचार कर सकते है.
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मुली के औषधीय गुण
पीलिया रोग ठीक करने के लिए मुली का इस्तेमाल
एक मूली छीलकर उसके चार भाग इस तरह से करें कि वह जड़ से एक ही बनी रहे फिर उन पर नींबू नमक काली मिर्च डाल कर सुबह निहार मुंह खा ले. इसके सेवन कुछ ही दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाएगा. इसके अलावा मूली के पत्तों का रस 200 ग्राम तैयार करके उसमें 50 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दो बार सेवन करने से 15 दिनों के अंदर पीलिया रोग ठीक हो जाता है.
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अंतड़ियों का रोग ठीक करने के लिए मूली का इस्तेमाल
मूली का रस अंतड़ियों के रोगों के लिए अति उपयोगी माना गया है जैसे पीलिया रोग में मूली का सेवन बताया गया है. आंतों के रोग में भी ठीक उसी प्रकार मूली का सेवन 15 दिनों तक करने से आंतों के रोग ठीक हो जाता है.
मासिक धर्म को ठीक करने के लिए मूली का इस्तेमाल
कई बार औरतों को मासिक धर्म के समय अति पीड़ा होती है. इस रोग को दूर करने के लिए मूली के बीजों का चूर्ण 1-1 छोटा चम्मच दिन में चार बार ठंडे पानी के साथ सेवन करने से मासिक धर्म ठीक होगा और कोई दर्द भी नहीं होगा.
मासिक धर्म रुकने पर मूली का इस्तेमाल
जिन औरतों को मासिक धर्म रुक गया है उन्हें मूली, सोया, मेथी, गाजर इन सब के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीस कर एक चम्मच पानी के साथ दिन में 4 बार सेवन करने से मासिक धर्म खुलकर और समय पर आने लगेगा.
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बवासीर में मूली का इस्तेमाल
बवासीर रोगियों के लिए मूली सबसे सरल उपाय है. ऐसे रोगियों को एक कप मूली का रस नींबू के रस में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करना चाहिए, इससे शीघ्र आराम मिलता है.
मूली के रस एक कप लेकर सुबह खाली पेट एक माह तक पीने से हर तरह की बवासीर ठीक हो जाती है.
एक मुली के चार भाग ऐसे करें की मुली अपने पतों की साइड से जुडी रहे. इसके बाद में आप इस पर नमक लगाकर रात को छोड़ से और सुबह उठते ही निहार मुंह इसे खा ले. और मूली के पानी से गुदा को धोएं. इससे बवासीर रोग जल्दी ठीक हो जाएगा.
मूली का रस 150 ग्राम और देसी घी की जलेबी 100 ग्राम लेकर उसे मूली के रस में 1 घंटे रखने के बाद जलेबी खा ले. कुछ देर के बाद में थोड़ा मूली का रस पी ले. 15 दिनों तक इस्तेमाल करने से बवासीर ठीक हो जाता है.
गैस रोग को ठीक करने के लिए मूली का इस्तेमाल
गैस रोग के कारण अनेक बीमारी हो जाती है, इसीलिए इस रोग के उपचार में ढील ना दें. ऐसे रोगियों को मूली के बीजों को पीसकर उसमें नींबू का रस, काला नमक, कालीमिर्च को पीसकर छान लें और मूली के बीजों से मिलाकर नींबू के रस में मिलाकर दिन में दो-तीन बार 4 दिन तक खाली पेट इसका सेवन करें.
भोजन के समय मूली पर काला नमक, काली मिर्च, नींबू का रस लगाकर दोनों समय खाते रहने से पेट रोग ठीक हो जाते हैं.
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पथरी रोग में मूली का इस्तेमाल
मूली के बीजों को आधा किलो पानी में उबालें. जब पानी आधा रह जाए तो उसे नीचे उतार कर बीजों को पानी से अच्छी तरह से मसलें, फिर किसी बारिक छलनी में छानकर थोड़ी चीनी या नमक मिलाकर पीएं. इसे एक माह तक निरंतर पीते रहने से पथरी पेशाब घुलकर आ जाती है.
पेशाब रुकने पर मूली का इस्तेमाल
जिन लोगों का पेशाब रुकता है या पेशाब रुक रुक के आता है उन्हें आधा गिलास मूली का रस लेकर उस में काला नमक डालकर पीना चाहिए. इसका सेवन करने से अनेक रोगों में लाभ मिलता है.
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चर्म रोग ठीक करने के लिए मूली का इस्तेमाल
मूली के बीजों को पीसकर नींबू के रस में घोलकर लेप तैयार कर के इसे खुजली, दाद, चंबल वाले स्थान पर सुबह शाम दोपहर मालिश करने से चर्म रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं.
पेट दर्द ठीक करने के लिए मूली का इस्तेमाल
पेट दर्द के रोगियों के लिए मूली का रस 1 छोटा चम्मच में काला नमक, नींबू, काली मिर्च पिसी हुई थोड़ी मात्रा में डालकर दिन में 4 बार सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाता है.
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Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको मूली के औषधीय गुण और मूली से किए जाने वाले घरेलू उपचार के बारे में बताया है. अगर आपको इससे जुड़ी कोई और जानकारी चाहिए या आपको किसी अन्य टॉपिक पर हमारा आर्टिकल चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं .
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