आज लगभग सभी लोग आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर चलने लगे हैं. आयुर्वेद के पास लाइलाज बीमारियों के भी इलाज हैं उन्हीं में से एक औषधि है आंवला, जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. आंवला फल नहीं एक अमृत के समान औषधि है. यह ना केवल एक रोग के लिए इस्तेमाल की जाती है बल्कि इसका इस्तेमाल बालों से लेकर नाखून तक के रोगों को ठीक करने में किया जाता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं.
आंवला के औषधीय गुण
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए आंवला का इस्तेमाल
जिन लोगों को बहुत कम भूख लगती है और उनका खाना ठीक से हजम नहीं हो पाता है तो उन्हें सूखे आंवले का चूर्ण बनाकर दिन में तीन बार इसका इस्तेमाल करना चाहिए.
वीर्य बढ़ाने के लिए आंवले का इस्तेमाल
वीर्य को बढ़ाने के लिए आंवले के चूर्ण में समान मात्रा में पिसी हुई हल्दी मिलाकर उसे तवे पर भुन ले और अब चूर्ण के समान मात्रा में कुजा मिश्री मिलाकर सुबह बिना मुंह धोए आधा किलो दूध के साथ इसका सेवन करने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और इसकी मात्रा भी बढ़ जाती है लेकिन इसके लिए आपको इसका सेवन कम से कम 1 महीने तक लगातार करना होगा.
स्वप्नदोष को दूर करने के लिए आंवला का इस्तेमाल
आज स्वप्नदोष और शीघ्रपतन की समस्या बहुत ही ज्यादा है, यह एक साधारण रोग है, लेकिन लोग इसे बढ़ा चढ़ाकर ऐसे कहते हैं कि जैसे एक लाइलाज बीमारी हो लेकिन आंवले का इस्तेमाल करके इस बीमारी का आसानी से इलाज किया जा सकता है. इसके लिए आपको सुबह उठने के बाद बिना मुंह धोए 25 ग्राम ताजा आंवले का रस निकालकर शहद में मिलाकर इसका सेवन करना होगा.
पेशाब में जलन को दूर करने के लिए आंवले का सेवन
लगातार पेशाब पीला आना कोई असाधारण रोग नहीं है इसको ठीक करने के लिए आप दो चम्मच आंवले के रस में 50 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम दोनों समय इसका सेवन करें.
धातु रोग के लिए आंवले का सेवन
धातु रोग के रोगियों को आंवले के रस का एक बड़ा चम्मच हल्के से शहद में घोलकर सुबह खाली पेट और रात को तय करने से काफी लाभ मिलता है.
हाई ब्लड प्रेशर के लिए आंवले का सेवन
हृदय रोगियों या जिनका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है उनको आंवले का मुरब्बा का सेवन करना चाहिए.
गठिया के रोग में आंवले का इस्तेमाल
गठिया एक बहुत ही कष्टदायक रोग है. इस रोग को ठीक करने के लिए एक गिलास पानी में सूखे आंवला 30 ग्राम और 50 ग्राम गुड़ डालकर उबालें और जब इसका पानी का चौथा हिस्सा रह जाए तो रोगी को दो बार में पीने के लिए दे. इसका इस्तेमाल लगभग 1 महीने तक करने से गठिया रोग में आराम मिलता है.
खांसी रोग में आंवले का इस्तेमाल
आंवला हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाने के साथ-साथ बहुत से ऐसे रोगों को दूर करता है जो कि साधारण रोगों में आते हैं जैसे की खांसी. इसके लिए आपको एक चम्मच आंवले का चूर्ण पिसा हुआ और एक चम्मच शहद पिसा हुआ मिलाकर सेवन करना है और उसके 2 से 3 घंटे तक आपको पानी का सेवन नहीं करना है इससे आपकी खांसी की समस्या दूर हो जाएगी.
पथरी के लिए आंवले का सेवन
पथरी निकालने के लिए आंवले का चूर्ण में मूली का रस एक चम्मच मिलाकर उसमें थोड़ा सा शहद मिला लें और फिर पथरी के रोगी को इसका इस्तेमाल करने के लिए दे. लगातार दो महीने तक इसका सेवन करने से पथरी निकल कर बाहर आ जाती है.
आंखों के रोग के लिए आंवले का सेवन
आंवला आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. अगर आपको किसी प्रकार का आंखों का रोग है तो आप आंवले का सेवन कर सकते हैं. आंखों के रोग को दूर करने के लिए त्रिफला को कूटकर उसको कपड़े छान करके चीनी या सीसी के बर्तन में भरकर रख दें और इस चूर्ण को रात को सोते समय मिट्टी के बर्तन में भिगोकर रख दे. सुबह इसको कपड़े से छानकर आंखों में पर इसके छींटे लेने से आंखों का कोई भी रोग नहीं रहता.
हृदय और दिमाग की कमजोरी को दूर करने के लिए आंवले का सेवन
हृदय और मस्तिष्क की कमजोरी को दूर करने के लिए सुबह और शाम आधा भोजन करने के बाद में ताजा आंवले के रस में 25 ग्राम पानी मिला लें और उसमें ऊपर से एक चम्मच चीनी मिलाकर इसका सेवन करें. इसका सेवन आप लगातार एक महीने तक कीजिए इससे आपके हृदय और मस्तिष्क की कमजोरी या दुर्बलता दूर हो जाएगी.
सुंदरता के लिए आंवले का इस्तेमाल
चेहरे पर कील मुंहासे और झाइयां पड़ने पर पिसा हुआ आंवला, गुलाब जल में मिलाकर दिन में तीन बार चेहरे पर लगाने से चेहरा सुंदर नजर आने लगता है और इसके साथ-साथ कील मुंहासे और झाइयां भी दूर हो जाती हैं.
नारी मूत्र अंग में जलन को दूर करने के लिए आंवले का सेवन
जिन औरतों को मुत्रांग में जलन की समस्या रहती है उनको ताजा आंवले का रस मिश्री में घोलकर 1 महीने तक लगातार सुबह और शाम सेवन करने से इस रोग का समाधान हो जाता है.
श्वेत प्रदर रोग को ठीक करने के लिए आंवले का इस्तेमाल
औरतों में श्वेत प्रदर का रोग बहुत ही सबसे दुखद रोग माना जाता है क्योंकि इसके दौरान शरीर में काफी दुर्बलता आ जाती है और टीबी जैसे रोगों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है इसीलिए इस रोग का उपचार गंभीरता से किया जाना चाहिए. इसके लिए एक चम्मच आंवले का चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम पानी के साथ कम से कम 40 दिन तक इसका सेवन करने से सफेद प्रदर की समस्या दूर हो जाती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए आंवले का इस्तेमाल
यदि किसी गर्भवती महिला को ज्यादा मात्रा में उल्टी आती है तो आंवले का मुरब्बा 2-2 नग दिन में दो बार इस्तेमाल करने से उल्टी आने कम हो जाती है.
Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको आंवले के औषधीय गुणों के बारे में बताएं. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी कमेंट करके पूछ सकते हैं.
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